Thursday 6 April 2023

बातें

बहुत सी बातें है कहने को । पर किससे कहे । जिसे अपना माना , चाहा , जिसके लिए सब कुछ छोड़ दिया वही हमारा न हुआ ।जानती हूं किसी को कह नही सकते पर मन बहुत खराब है । बहुत चीख कर रोने का मन कर रहा पर न रो सकती और न कुछ कह सकती । शायद कोई मेरी बात समझे या न भी समझे । 
जिंदगी जिसके भरोसे सौंपा था वो तो मुझे नही समझ सका और अब लगता है जो चल रहा है शायद यही जिंदगी है । 
मेरा भी मन करता है खुश रहूं , खूब घूमू फिरु , दूसरो जैसे अपनी मर्जी का काम करु पर चाहते हुए भी मै ऐसा अपनी जिंदगी में कुछ नही कर पाती , शायद ये बात मुझे झँझोट रही है , मै जानती हूँ न ।
ये कोई शिकायत नहीं है क्योंकि ये जो जिंदगी मै जी रही हूँ उसे मैने खुद ही चूना है । काश मैने वो फैसले लेने थोडी़ समझदारी दिखाई होती तो आज मेरा कुछ और होता ।
हिम्मती नही हूँ मैं पर हिम्मत दिखाती हूँ ।कमजोर हूँ मैं पर सबके सामाने कमाजोरी छिपाती हूँ । जानती हूँ न दुनिया में ऊंगली उठाने वाले बहुत है पर हाथ थामने वाला कोई नहीं ।
कमी शायद मुझ में भी है , मैं कोई परफेक्ट नही , पर ये बात मै  जानती हू जिंदगी की गाडी़ अकेले चलाना कितना मुश्किल है ।
इन सब चीजों मे मेरी परिस्थियों में कोई साथ न रहा सिवाय ईश्वर के । मेरी पूरी आस्था है मेरे ईश्वर से , वो जो भी करेंगे मेरे लिए सदैव वो श्रेष्ठ ही होगा । आज अगर सब कुछ आकेले संभाल रही हूं तो सिर्फ ईश्वर के भरोसे । 
मेरा हमेशा साथ देना भगवान ।
लोगो से उपेक्षा करना मैने छोड़ दिया है । मतलब के सब साथी है । मतलब निकल जाने पर पहचानते ही नहीं । 
पता नही ये लिख भी क्यूँ रही हूँ । किसी से कह नही पाती इसलिए ...........



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