Saturday 11 February 2023

पलाश के फूल

पलाश के फूल
अपनी ही सुंदरता लिए
खिलखिलाती मदमस्त
 दिखते ये 
पलाश के फूल

बसंत ऋतु के आते ही
बिखेरती अपनी 
मादकता का स्वर
दिखाते ये 
पलाश के फूल

मन को जैसे
मोह सा लिया
तन को जैसे
छूकर लिया 
नजरे टिकी जिसपर
ये पलाश के फूल

उन्मुक्त होता
गगन जिससे
शीतल होती
चांदनी जैसी
चमकते सितारों सी
चमक दिखाती
ये पलाश के फूल

रंगो की ये 
रानी होती
कभी भी न
कहकर कहती
अपनी सुंदरता सबको बताती
ये पलाश के फूल

पतझड़ के मौसम में
खुशबू बिखरती
एहसासों के पन्ने उमड़ती
अल्हड़ सी मदमस्त
ये पलाश के फूल