Sunday 29 January 2023

उडा़न

उड़ने के लिए
पंखों की नहीं
हौसलों की
जरुरत होती है

गर हो 
हौसला बुलंद
तो आसमान भी
झुक जाता है

उम्मीद और हौसले की
कहानी बडी
निराली है
एक देता पंख
तो दूसरा देते स्वप्न

बिन सपने के
जीवन है अधूरा
पाने की उम्मीद मे
सपने करता पूरा

न पूछ इस बुलंदी पर
कैसे है पहुँचा
कभी कुछ तो
कभी बहुत कुछ
खोकर फिर है जकडा़

उम्मीद की सीढी़ पर
कदम जो बढा़या
एक नही दो नही
बहुतो ने भरमाया

चाटुकारिता की दुनिया में
अपने को समझाया
एक व्यक्तित्व उभरकर
फिर सामने आया

कहने को तो मेरे
कदम बहुत छोटे है
पर इन्हीं छोटे कदमों से
चलकर बुलंदी पर जाना है

मुश्किल है राह
ये भी पता है
पर सच जब हो साथ
तो डरने की क्या बात

काम में ईमानदारी
और सच्चाई का साथ
ये दोनो ही है
मेरे अहम हथियार

दूसरों को नहीं 
खुद को समझाना है
अपना काम अपना इनाम
यही बस रह जाना है








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