Wednesday 27 October 2021

सवाल

खुश रहना और 
खुश दिखना
उम्मीद करना और
 उम्मीद रखना
लगता है 
जैसे जज्बातों को
अंधेरे में 
समेटे हुए है
क्यूं होती है
 उम्मीद की आस
क्यूं दिखती है 
सपनो में खास
महज
 एक छलावा है
सवाल बहुत है
पर जवाब नहीं है
ये सफर जो है
जज्बातों का
क्यूं छुटता जा रहा है
क्यूं कोई
 आस नहीं
क्यूं कोई 
जज्बात नहीं
आस खत्म होती जा रही
सवाल ही सवाल
न जाने ये सवाल
खत्म कब होगा
शायद कभी नहीं 

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